ऐसे दोस्त होते हैं दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक, भूलकर भी ना करें इनसे मित्रता
जीवन में कई तरह के दोस्त होते हैं। कुछ ऐसे होते हैं जो आपका हाथ पकड़कर आपके साथ चलते हैं। तो कुछ ऐसे होते हैं जो बीच रास्ते में ही आपको छोड़ कर चले जाते हैं। और उसके साथ देते हैं। वैसे जीवन में हमेशा हमें ऐसे मित्रों की तलाश होती है। जो तमाम परिस्थितियों में हमारा साथ दें। हमारे साथ खड़े रहे हालांकि दुनिया में तमाम रिश्तों से जन्म लेते हैं। जो हमसे जुड़ जाते हैं हम अपने मित्रों को खुद ही चुनते हैं। तो आइए आज इस आर्टिकल में करने हम आपको बताते हैं कि आप को कैसे मित्रों से दोस्ती करनी चाहिए और किन लोगों से दूर रहना चाहिए।
तुलसीदास जी ने दोहा कहा हैं
सेवक सठ नृप कुपन कुनारी,
कपटी मित्र सूल समचारी।
सखा सोच त्यागहु बल मोरें,
सब बिधि घटब काज में तौरें।।
यानि कि बेफकूफ नौकर और कपटी राजा , एक चरित्रहीन नारी उस गंदे मित्र के सामान होते हैं। जोकि महज चुबने से ही दर्द देता हैं। इसलिए ऐसे लोगों से कभी भी दोस्ती न करें।
अवलिपतेषु मूर्खेषु रौद्रसाहसिकेषु च।
तथैवापेतर्मेषु न मैत्रीमाचरेद् बुध:।।
महात्मा विदुर जी ने कहा हैं एक विद्वान पुरुष को कभी भी अभिमानी, मूर्ख, अधिक गुस्सा करने वाले और अपने धर्म से हीन व्यक्तियों के साथ दोस्ती नहीं करनी चाहिए। क्योकि ऐसे दोस्त हमेशा दुःख ही देते हैं।
आगे कह मृदु बचन बनाई,
पाछे अनहित मन कुटिलाई।
जाकर चित्त अहि गति सम भाई,
अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई।।
संत तुलसीदास जी ने कहा हैं कि जो भी आपके सामने आपकी तारीफ और आपके पीछे आपकी बुराई करते हैं। ऐसे लोगों से भी मित्रता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसे ही होते।