हाल ही में एक के बाद हुए एक बैंकिंग फ्रॉड ने पूरे देश को हिला के रख दिया था। और इससे मोदी सरकार पर भी विपक्ष ने खूब हमला बोला था और सरकार की जम के फजीहत हुई थी.
नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या द्वारा किया गया फ्रॉड इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला था जिसने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया था.
नीरव मोदी की बात करें तो उसने 14,357 का घपला किया वहीं विजय माल्या करीब 9000 करोड़ लेकर देश से फरार हो गया. सरकार ने कई सख्त कदम भी उठाए हालांकि इसका कुछ खास फायदा नहीं हुआ.
दरअसल एक ताजा मामला सामने आया है यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का जहां करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के एक नहीं बल्कि चार मामले सामने आए हैं.
जी हां, इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इन सभी मामलों की जानकारी कौशांबी और गाजियाबाद की कॉर्पोरेट शाखाओं ने अलग-अलग कंपनियों के खिलाफ दी है.
इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कर्ज चुकाने में गड़बड़ी के जरिए बैंक को चूना लगाने के लिए एसएम इंटरप्राइजेज, जेपीआर इंपेक्स, जीनियस इंपेक्स, और जेआर फूड्स के निदेशकों एवं प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. रकम की बात करें तो अभी तक 74 करोड़ फ्रॉड के चार मामलों का खुलासा हुआ है.
मालूम हो कि पिछले कुछ सालों में कई बैंकिंग घोटाले सामने आए हैं इनमें से सबसे चर्चित घोटाले की बात करें तो वो पीएनबी (PNB) का बैंकिंग घोटाला रहा है.
अब ये देखने वाली बात होगी कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में जिन चार कंपनियों के खिलाफ फर्जीवाड़ा दर्ज किया गया है उसमें क्या करवाई की जाती है.